||माँ शारदे||
माँ शारदे कहाँ तू बीणा बजा रही हो
किस मंजु ज्ञान से तू जग को रिझा रही हो
किस भाव में भवानी तू मग्न हो रही हो
बिनती हमारी माता तू क्यों न सुन रही हो
हम दीन बाल कब से बिनती सुना रहें हैं
चरणों में तेरे माता हम सर झुक रहे हैं
अज्ञान तम हमारा माँ शीघ्र दूर कर दे
बल बुद्धि ज्ञान हममे माँ शारदे तू भरदे
माँ शारदे कहाँ तू बीणा बजा रही हो
किस मंजु ज्ञान से तू जग को रिझा रही हो
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