Monday, November 28, 2016

Should know to live

Sharing a beautiful poem:

कुछ हँस के
     बोल दिया करो,
कुछ हँस के
      टाल दिया करो,
यूँ तो बहुत
    परेशानियां है
तुमको भी
     मुझको भी,
मगर कुछ फैंसले
     वक्त पे डाल दिया करो,
न जाने कल कोई
    हंसाने वाला मिले न मिले..
इसलिये आज ही
      हसरत निकाल लिया करो !!
हमेशा समझौता
      करना सीखिए..
क्योंकि थोड़ा सा 
      झुक जाना
किसी रिश्ते को
         हमेशा के लिए
तोड़ देने से
           बहुत बेहतर है ।।।
किसी के साथ
     हँसते-हँसते
उतने ही हक से
      रूठना भी आना चाहिए !
अपनो की आँख का
     पानी धीरे से
पोंछना आना चाहिए !
      रिश्तेदारी और
दोस्ती में
    कैसा मान अपमान ?
बस अपनों के 
     दिल मे रहना
आना चाहिए...!
🙏💐💐💐💐🙏

Friday, November 18, 2016

Three things

तीन चीजे ज़िन्दगी में अनमोल होती है
1.माँ बाप
2.समय
3.मौका
तीन चीजे सोच समझ कर उठाओ
1.कदम
2.कसम
3.कलम
तीन चीजे सोच कर करो -
1.प्यार
2.बात
3.फैसला
तीन चीजे किसी का इन्तेजार नहीं करती -
1.मौत
2.वक्त
3.उमर
तीन चीजे को कभी छोटा न समझो -
1.कर्ज
2.फर्ज
3.मर्ज
तीन चीजे हमेशा दर्द देती है
1.धोखा
2.गरीबी
3.यादें
तीन चीजे से हमेशा खुश रहेंगे
1.भगवान
2.परिवार
3.दोस्त

Wednesday, November 9, 2016

कहीं कफन बिक न जाये

Last words by Steve job

A request to everyone from the 'Death Bed'.

Believe on god

✨ *┣━┫α ρ ρ у*
              *ℳỖŘŇĮŇĞ* ✨

"ईश्वर के हर फेसले पे खुश रहो"
            क्युकि
"ईश्वर वो नहीं देता जो आपको
      अच्छा लगता है"
             बल्की
"ईश्वर वो देता हे जो आपके
     लिये अच्छा होता है...!!!"

    🌻 *सु-प्रभात* 🌻

Why to go to temple


किसी  ने कहा    ---जब हर कण कण मे भगवान है तो तुम मंदिर क्यूँ जाते हैं।

बहुत सुंदर जवाब

हवा तो धुप में भी चलती है पर आनंद
छाँव मे बैठ कर मिलता है
वैसे ही भगवान सब तरफ है पर
                   आनंद मंदिर मे ही आता है।।
good night

Thursday, November 3, 2016

संसार एक हवन कुंड है

मैं एक गृह प्रवेश की पूजा में गया। पंडित जी पूजा करा रहे थे।

पंडित जी ने सबको हवन में शामिल होने के लिए बुलाया। सबके सामने हवन सामग्री रख दी गई। पंडित जी मंत्र पढ़ते और कहते, “स्वाहा।”

लोग चुटकियों से हवन सामग्री लेकर अग्नि में डाल देते। गृह मालिक को स्वाहा कहते ही अग्नि में घी डालने की ज़िम्मेदीरी सौंपी गई।

हर व्यक्ति थोड़ी सामग्री डालता, इस आशंका में कि कहीं हवन खत्म होने से पहले ही सामग्री खत्म न हो जाए। गृह मालिक भी बूंद-बूंद घी डाल रहे थे। उनके मन में भी डर था कि घी खत्म न हो जाए।

मंत्रोच्चार चलता रहा, स्वाहा होता रहा और पूजा पूरी हो गई।
सबके पास बहुत सी हवन सामग्री बची रह गई। घी तो आधा से भी कम इस्तेमाल हुआ था।

हवन पूरा होने के बाद पंडित जी ने कहा कि आप लोगों के पास जितनी सामग्री बची है, उसे  अग्नि में डाल दें। गृह स्वामी से भी उन्होंने कहा कि आप इस घी को भी कुंड में डाल दें।

एक साथ बहुत सी हवन सामग्री अग्नि में डाल दी गई। सारा घी भी अग्नि के हवाले कर दिया गया। पूरा घर धुंए से भर गया। वहां बैठना मुश्किल हो गया।
एक-एक कर सभी कमरे से बाहर निकल गए।

अब जब तक सब कुछ जल नहीं जाता, कमरे में जाना संभव नहीं था।काफी देर तक इंतज़ार करना पडा, सब कुछ स्वाहा होने के इंतज़ार में।

उस पूजा में मौजूद हर व्यक्ति जानता था कि जितनी हवन सामग्री उसके पास है, उसे हवन कुंड में ही डालना है। पर सबने उसे बचाए रखा। सबने बचाए रखा कि आख़िर में सामग्री काम आएगी।

ऐसा ही हम करते हैं। यही हमारी फितरत है। हम अंत के लिए बहुत कुछ बचाए रखते हैं।

ज़िंदगी की पूजा खत्म हो जाती है और हवन सामग्री बची रह जाती है। हम बचाने में इतने खो जाते हैं कि जब सब कुछ होना हवन कुंड के हवाले है, उसे बचा कर क्या करना। बाद में तो वो सिर्फ धुंआ ही देगा।

संसार हवन कुंड है और जीवन पूजा। एक दिन सब कुछ हवन कुंड में समाहित होना है। अच्छी पूजा वही है, जिसमें हवन सामग्री का सही अनुपात में इस्तेमाल हो l

*🙏. . . 🙏*

Tuesday, November 1, 2016

तकदीर

*✍तकदीर :*

*एक   हसीन   लडकी*
*राजा  के  दरबार   में*
*डांस   कर  रही   थी...*

*( राजा   बहुत   बदसुरत   था )*

*लडकी   ने   राजा   से   एक*
*सवाल   की  इजाजत  मांगी*
.
*राजा   ने  कहा ,*
                     *' चलो  पुछो .'*
.
*लडकी   ने   कहा ,*
   *'जब    हुस्न   बंट   रहा   था*
      *तब   आप   कहां  थे..??*
.
*राजा   ने   गुस्सा   नही  किया*
*बल्कि*
*मुस्कुराते   हुवे   कहा*
  *~  जब   तुम   हुस्न   की*
       *लाइन्   में   खडी*
       *हुस्न    ले   रही   थी , ~*
.
*~    तो   में*
  *किस्मत  की   लाइन  में  खडा*
             *किस्मत  ले  रहा  था*
.
          *और   आज* 
     *तुझ  जैसी  हुस्न   वालीयां*
      *मेरी  गुलाम   की   तरह*
       *नाच   रही   है...........*
.
*इसलिए  शायर  खुब  कहते  है,*
.
    *" हुस्न   ना   मांग*
      *नसीब   मांग   ए   दोस्त ,*

       *हुस्न   वाले   तो*
      *अक्सर   नसीब   वालों  के*
      *गुलाम   हुआ   करते   है...*

      *" जो   भाग्य   में   है ,*
        *वह   भाग   कर  आएगा,*
    
         *जो   नहीं   है ,*
         *वह   आकर   भी*
         *भाग   जाएगा....!!!!!."*

*यहाँ   सब   कुछ   बिकता   है ,*
*दोस्तों  रहना  जरा  संभाल  के,*

*बेचने  वाले  हवा भी बेच देते है,*
      *गुब्बारों   में   डाल   के,*

        *सच   बिकता   है ,*
        *झूट   बिकता   है,*
       *बिकती   है   हर   कहानी,*

       *तीनों  लोक  में  फेला  है ,*
       *फिर   भी   बिकता   है*
       *बोतल  में  पानी ,*

*कभी फूलों की तरह मत जीना,*
*जिस   दिन  खिलोगे ,*
*टूट  कर  बिखर्र  जाओगे ,*
*जीना  है  तो*
*पत्थर   की   तरह   जियो ;*
*जिस   दिन   तराशे   गए ,*
*" भगवान " बन  जाओगे...!!!!*