Monday, October 31, 2016

On that day we will celebrate Diwali

जब मन में हो मौज बहारों की
चमकाएँ चमक सितारों की,
जब ख़ुशियों के शुभ घेरे हों
तन्हाई  में  भी  मेले  हों,
आनंद की आभा होती है
*उस रोज़ 'दिवाली' होती है ।*

       जब प्रेम के दीपक जलते हों
       सपने जब सच में बदलते हों,
       मन में हो मधुरता भावों की
       जब लहके फ़सलें चावों की,
       उत्साह की आभा होती है
       *उस रोज़ दिवाली होती है ।*

जब प्रेम से मीत बुलाते हों
दुश्मन भी गले लगाते हों,
जब कहींं किसी से वैर न हो
सब अपने हों, कोई ग़ैर न हो,
अपनत्व की आभा होती है
*उस रोज़ दिवाली होती है ।*

       जब तन-मन-जीवन सज जाएं
       सद्-भाव  के बाजे बज जाएं,
       महकाए ख़ुशबू ख़ुशियों की
      मुस्काएं चंदनिया सुधियों की,
      तृप्ति  की  आभा होती  है
      *उस रोज़ 'दिवाली' होती है .*।               -

--अटलबिहारी वाजपेयी

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